|| श्री आशापुरी माता आरती ||
आशापुरी माता स्वयंभू मुर्ती |
सकाळ संध्याकाळ
करीन आरती | | धु | |
पाटण गावी
तुझे ग ठाणे
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नदी किनारी
केला मुक्काम | |
तापी नदीवर
आंघोळ करूनी |
सूर्याची किरणं अंगावर
झळकती | |
आशापुरी माता स्वयंभू
मुर्ती |
सकाळ संध्याकाळ
करीन आरती | | धु
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परशुराम बंधु आहे
ग तुझा |
अखंड नमस्कार
त्याला ग माझा
| | 1 | |
आशापुरी माता स्वयंभू
मुर्ती |
सकाळ संध्याकाळ
करीन आरती | | धु
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खण नाराळाची
ओटी तुझी भरते
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कापूराच्या ज्योती लावील्या
वरती | | 2 | |
आशापुरी माता स्वयंभू
मुर्ती |
सकाळ सध्याकाळ
करीन आरती | | धु
| |
साडी चोळीचा
आहेर केला |
गुरवाचा वाजा लावीला
तुला | |
पुरण पोळीचा
नैवेद्य केला |
मुखी तांबुला
विडा देते ग
तुला | | 3 | |
आशापुरी माता स्वयंभू
मुर्ती |
सकाळ संध्याकाळ
करीन आरती | | धु
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चैत्र पौर्णिमेला यात्रा
तुझी भरती |
कोटी कोटी
लोक दर्शनाला येती
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केलेला नवस फेडून
जाती |
गुप्त आर्शिवाद घेवून
जाती | | 4 | |
आशापुरी माता स्वयंभू
मुर्ती |
सकाळ संध्याकाळ
करीन आरती | | धु
| |
दुःखी मनाचा एक
विचारी |
आला ग
अंबे तुझ्या दरबारी
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आलेले विघ्न आता
निवारी |
प्रसाद घेऊन जातील
घरी | | 5 | |
आशापुरी माता स्वयंभू
मुर्ती |
सकाळ संध्याकाळ
करीन आरती | | धु
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आशापुरी माता जगाला
पावली |
सोन्याची छत्री ध्वजावर
लावली | | 6 | |
आशापुरी माता स्वयंभू
मुर्ती |
सकाळ संध्याकाळ
करीन आरती | | धु
| |
Thanks
ReplyDeleteThanks
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