Sunday, October 2, 2016


 || श्री आशापुरी माता आरती ||


 आशापुरी माता स्वयंभू मुर्ती |
सकाळ संध्याकाळ करीन आरती   | | धु | |

पाटण गावी तुझे ठाणे |
नदी किनारी केला मुक्काम | |

तापी नदीवर आंघोळ करूनी |
सूर्याची किरणं अंगावर झळकती | |

आशापुरी माता स्वयंभू मुर्ती |
सकाळ संध्याकाळ करीन आरती | | धु | |

परशुराम बंधु आहे तुझा |
अखंड नमस्कार त्याला माझा | | 1 | |

आशापुरी माता स्वयंभू मुर्ती |
सकाळ संध्याकाळ करीन आरती | | धु | |

खण नाराळाची ओटी तुझी भरते |
कापूराच्या ज्योती लावील्या वरती | | 2 | |

आशापुरी माता स्वयंभू मुर्ती |
सकाळ सध्याकाळ करीन आरती | | धु | |

साडी चोळीचा आहेर केला |
गुरवाचा वाजा लावीला तुला | |

पुरण पोळीचा नैवेद्य केला |
मुखी तांबुला विडा देते तुला | | 3 | |

आशापुरी माता स्वयंभू मुर्ती |
सकाळ संध्याकाळ करीन आरती | | धु | |

चैत्र पौर्णिमेला यात्रा तुझी भरती |
कोटी कोटी लोक दर्शनाला येती | |

केलेला नवस फेडून जाती |
गुप्त आर्शिवाद घेवून जाती | | 4 | |

आशापुरी माता स्वयंभू मुर्ती |
सकाळ संध्याकाळ करीन आरती | | धु | |

दुःखी मनाचा एक विचारी |
आला अंबे तुझ्या दरबारी | |

आलेले विघ्न आता निवारी |
प्रसाद घेऊन जातील घरी | | 5 | |

आशापुरी माता स्वयंभू मुर्ती |
सकाळ संध्याकाळ करीन आरती | | धु | |

आशापुरी माता जगाला पावली |
सोन्याची छत्री ध्वजावर लावली | | 6 | |

आशापुरी माता स्वयंभू मुर्ती |
सकाळ संध्याकाळ करीन आरती | | धु | |

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